डी.आर. मेहता (पूर्व सेबी अध्यक्ष)!!
सम्बल एक अद्भुत सामाजिक संस्थान है। इसका आधार है अनुकम्पा। इसका
लक्ष्य है साधनहीन विधवाऐं, परित्यक्ताऐं एवं अन्य महिलाएं जो तकलीफ में हैं। ऐसी
महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाना। छः हजार से अधिक ऐसी महिलाओं
को अपने पैरों पर खड़ा किया है, बहुत बड़ा कार्य हुआ है।
सम्बल की एक विशिष्ठ प्रणाली है। महिलाओं का चयन स्थानीय महिलाओं के
द्वारा किया जाता है। कम से कम पूंजी नियोजन/सहायता से ऐसी महिलाओं को आर्थिक
रूप से सम्बल सक्षम बनाती है। अन्य सरकारी व गैर सरकारी योजनाओं की तुलना में
सम्बल की योजना बहुत ही कम खर्च वाली है। फिर यह योजना पूर्ण रूप से
विकेन्द्रित है।
सम्बल की एक अन्य विशेषता यह भी है कि लाभान्वित महिलाओं की प्रगति पर
ध्यान रखा जाता है और आवश्यकतानुसार पुनः सलाह व सहायता दी जाती है।
लाभान्वित महिलाओं का जीवन ही बदल गया। पर्याप्त आमदनी हो गई। बैंक
अकाउंट खोल दिये, पक्के घर बना दिये। बच्चे और विशेष रूप से बच्चियां स्कूल
जाने लगीं।
श्रीमती सुशीला बोहरा के जुनून, अथक प्रयासों और नीतियों का फल है,
सम्बल का विकास और सफलता। उनके सहयोगियों का भी बहुत बड़ा योगदान है।
सम्बल की कार्य प्रणाली भी बहुत नैतिक है।
सम्बल की रजत जयन्ती के अवसर पर मैं, जिसका भी सम्बल से उसकी
स्थापना से आज तक का घनिष्ठ सम्बन्ध है, श्रीमती सुशीला बोहराजी और उनके सब
सहयोगियों को बधाई देता हूँ और सम्बल की अधिकाधिक उन्नति के लिए मंगल
कामना करता हूँ।