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श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (महिला प्रकोष्ठ) ‘सम्बल’ जोधपुर
सम्बल में आपका स्वागत है - महिलाओं के जीवन को सरल, सशक्त और स्वाभीमानयुक्त बनाना
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उद्देश्य
समिति सदस्य
संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक (श्री डी.आर. मेहता) के पुरस्कार
सचिव (श्रीमती सुशीला बोहरा) के पुरस्कार
अमूल्य संदेश
वसुन्धरा राजे (पूर्व मुख्यमंत्री)
अशोक गहलोत (पूर्व मुख्यमंत्री)
गजसिंह (महाराजा मारवाड़ जोधपुर)
डी. आर. मेहता (पूर्व सेबी अध्यक्ष)
घनश्याम ओझा (पूर्व महापौर जोधपुर)
गजेन्द्र सिंह शेखावत (सांसद जोधपुर)
सूर्यकांता व्यास (पूर्व विधायक)
कैलाश चंद्र भंसाली (पूर्व विधायक)
हेमलता राजे (महारानी मारवाड़ जोधपुर)
नारायण लाल पंचारिया (प्रदेश उपाध्यक्ष-भाजपा (राजस्थान))
संस्था की गतिविधियाँ
घरेलू उद्योग योजना
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन
ग्राम उद्यमिता विकास कार्यक्रम
महिला मण्डलों का सशक्तिकरण
कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र को संचालन
महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना
गाँवों में शुद्ध पेयजल वितरण कार्यक्रम
महिला स्वयं सहायता समूह का गठन
जेल में व्यावसायिक प्रशिक्षण का संचालन
स्वर्ण जयन्ती स्व-रोजगार योजना (SGSY)
जागरुकता कार्यक्रमों का संचालन एवं भागीदारी
दिव्यांग सर्वे एवं सहायक उपकरण शिविर का आयोजन
संस्था द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन
सफलता की कहानियाँ
सिलाई सक्सेस स्टोरी
सस्वरोजगार सक्सेस स्टोरी
कम्प्युटर प्रशिक्षण सक्सेस स्टोरी
मेकअप आर्टिस्ट ब्यूटी पाॅर्लर सक्सेस स्टोरी
महिला जेल स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण सक्सेस स्टोरी
गैलरी
फोटो गैलरी
वीडियो गैलरी
कार्य रिपोर्ट
1991 से 2025 तक किए गए कार्यों की रिपोर्ट
2021 से 2025 आयोजित विकलांगता शिविरों की रिपोर्ट
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सिलाई सक्सेस स्टोरी!!
(अफसाना) अफसाना
की पांच बहने है। परिवार की स्थिति बहुत दयनीय है। अफसाना की माता झाडू-पौछे आदि का कार्य करके अपने परिवार का खर्चा उठा रही हैं। अतएव अफसाना अपने परिवार का सहारा बनना चाहती थी। उसने सम्बल कार्यक्रम में चल रहे सिलाई प्रशिक्षण से सिलाई का प्रशिक्षण लिया। उसके सिलाई सिखने के बाद उसके पास मशीन खरीदने के पैसे नहीं थे तब उसे संस्थान के माध्यम से सिलाई की मशीन दी गई। उस मशीन की सहायता से उसने सिलाई का काम प्रारम्भ किया। वह अब सिलाई करके हर महिने अपने परिवार को 7000 से 8000 रूपये की मदद करती है। इस प्रकार वह अपने परिवार का सहारा बनी।
(मंजू) मैं मंजू पत्नि श्री राजुकुमार
निवासी हाथीराम ओडा जोधपुर की रहने वाली हूँ। शादी के बाद मेरे पति ने मेरे साथ मारपीट करके मुझे घर से निकाल दिया साथ ही मेरे दो छोटे बच्चों को भी मेरे साथ घर से निकाल दिया उसकेे बाद मै अपने पिता के घर रहने लगी। मेरे व मेरे बच्चों को पठाना एवं उनका लालन-पालन करना मेरे लिए चुनौती थी, तब मुझे किसी ने श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति सम्बल के बारे में बताया कि यहां पर निःशुल्क सिलाई सिखाई जाती है तब मैने इस संस्था में सिलाई का प्रशिक्षण किया। यहां सिलाई प्रशिक्षण के दौरान संस्था द्वारा मेरी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुझे दो बार 10000 रूपये का आर्थिक सहयोग किया तथा साथ ही मुझे संस्था द्वारा मुझे अम्ब्रेला मशीन दी गई जिसकी वजह से मैं आज सिलाई करके महीने के 10000 से 15000 रूपये कमाकर मेरा और मेरे बच्चों का खर्चा आसानी से वहन कर लेती हँू। मैं सम्बल संस्था की आजीवन ऋणी रहूंगी जिसकी वजह से मेरी जिन्दगी में परिवर्तन आ गया और मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकी।
(शमीम बानो) मैं शमीम बानो पत्नि श्री मोहम्मद अली
निवासी जोधपुर की रहने वाली हूँ। मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तब मैने श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति सम्बल से सिलाई सिखी उसके बाद संस्था द्वारा मुझे सिलाई मशीन दी गई जिसके बाद मैने मेरे घर पर सिलाई करना शुरू किया अब मै 8000 से 10000 रूपये महीने के कमा लेती हूँ। मैं संस्था को सहयोग के लिए दिल से धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने मेंरी विकट समय में सहायता की।
(कृष्णा) मैं कृष्णा छापरवाल पिता श्री जुगलकिशोर
निवासी जोधपुर की रहने वाली हूूँ। मेरे घर में बजुर्ग माता-पिता के साथ हम तीन बहने है। पिता की आय का स्त्रौत नहीं होने की वजह से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। मुझे किसी परिचित के माध्यम से इस संस्था के बारे में पता चला तब मैने श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति से लेडिज एडं गाॅरमेंन्ट मेंकिग योजना के तहत लेडिज टेलर का कोर्स किया था। यहां पर आने के मुझे सिलाई का बहुत ही अच्छा प्रशिक्षण मिला जिसकी बदौलत मैं आज घर पर सिलाई का कार्य करके महीने के 5000 से 10000 रूपये तक आय का अर्जन कर लेती हूँ तथा परिवार के खर्च को आसानी से वहन कर लेती हूँ। आज मेरे घर वाले मेरे कार्य से बहुत ही खुश है। इसके लिए मैं संस्था का आभार प्रकट करती हूँ।
(रूकसाना बेगम) मैं रूकसाना बेगम पत्नि श्री जाकिर हुसैन
निवासी सुरसागर जोधपुर की रहने वाली हूँ। मेरे पति टेक्सी चला कर हमारे परिवार का जीवनयापन करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मैने सोचा कि क्यूं न मैं भी घर पर रहकर कुछ पैसे कमाऊ। तब मुझे श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति सम्बल के बारे में पता चला कि यहां पर सिलाई का निःशुल्क प्रशिक्षण करवाया जाता हैं। तब मैंने स्वयं एवं मेरी तीनों पुत्रियों ने इस संस्था से निःशुल्क सिलाई सिखी। सिलाई सिखने के दौरान मुझे संस्था द्वारा एक सिलाई मशीन एवं 10000 रूपये का आर्थिक सहयोग भी दिया गया। सिलाई सिखने के बाद आज मैं अपने घर पर सिलाई करके महीने के 7000 से 10000 रूपये तक कमा लेती हूँ। मेरे सहयोग के लिए मैं सम्बल संस्था को धन्यवाद देती हूँ।
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