गाँवों में शुद्ध पेयजल वितरण कार्यक्रम!!
जल है तो जीवन है, इस कार्यक्रम के तहत् जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से 4 सितम्बर 2010 से बालेसर ब्लॉक के 77 गांव तथा लूणी ब्लॉक के 103 गांव कुल 180 गांवों में वृहत परियोजना के तहत आई.ई.सी. कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। राज्य सरकार ने संस्था के कार्य देखते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग के तहत राजस्थान के 10 जिलों के 1127 गांवों जिसके तहत अजमेर के 112, जयपुर के 80, सीकर के 36, पाली के 108, बांरा के 129, जैसलमेर के 177, कोटा के 122, झालावाड़ के 108, जोधपुर के 180 एवं नागौर के 175 गावों में आई.ई.सी. कार्यक्रम करने का लक्ष्य दिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पानी के अपव्यय को रोकना, महिलाओं की सहभागिता को बढ़ावा देना, गांव में जल वितरण प्रबंधन उचित करना तथा व्यवस्था को मजबूत बनाना, जल शुल्क लागू करना और जन सहभागिता के सहयोग से स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना। ग्राम स्तरीय कमेटियों की मासिक बैठकों में गांव की पेयजल संबंधी समस्याओं पर चर्चा करते हुए वर्षाजल को अधिक से अधिक संग्रहित करना, दूर दराज ढाणियों में रहने वाले परिवारों तक जलापूर्ति सुनिश्चित हो सके। इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जाती है। इस हेतु कमेटियों के सदस्यों व केयर टेकर को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि पानी सम्बन्धी व्यवस्था को गांव स्तर पर सुधारा जा सके एवं हर ढाणी तक शुद्ध पेयजल पहुंच सके।